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मंगलवार, 14 जनवरी 2020

Tanhaji: The Unsung Warrior (2020)

Good Newwz (2019)

Housefull 4

लक्ष्मी अग्रवाल

मेरा चेहरा प्लास्टिक की तरह पिघल रहा था- लक्ष्मी अग्रवाल

दिल्ली में रहने वाली लक्ष्मी अग्रवाल दूसरी लड़कियों की तरह अपने लिए कई ख्वाब देखा करती थी. जिस वक्त लक्ष्मी अग्रवाल के साथ के साथ हुआ उस समय लक्ष्मी अग्रवाल की उम्र महज 15 साल थी. इस वक्त लक्ष्मी अग्रवाल को प्यार और शादी जैसे शब्दों के मतलब ठीक से समक्ष भी नहीं आते थे.इसी वक्त 32 साल एक के सिरफिरे ने लक्ष्मी से शादी के लिए प्रपोज कर दिया. 15 साल की लक्ष्मी को इन सब बातों को ठीक से मतलब भी नहीं पता था तो उसने इसके लिए इंकार कर दिया. 2005 में लक्ष्मी स्कूल से अपने घर जाने के लिए बस स्टॉप पर बस का इंतजार कर रही थी, तभी उस सिरफिरे ने अपने भाई की गर्लफ्रेंड के साथ मिलकर लक्ष्मी के ऊपर एसिड से हमला कर दिया. उस लड़की ने धक्का देकर लक्ष्मी को रोड पर गिरा दिया था. जिसके बाद उस सिरफिरे ने लक्ष्मी के चेहरे पर एसिड डाल दिया था
मेरा चेहरा प्लास्टिक की तरह पिघल रहा था- लक्ष्मी अग्रवाल
लक्ष्मी अग्रवाल कई बार उस मंजर को याद करती हैं तो सहम जाती हैं. कुछ समय पहले लक्ष्मी ने उस हादसे को याद करते हुए बताया था, ''दिल्ली के खान मार्केट से गुजर रही थी तभी उन्होंने मुझे गिरा दिया और मेरे चेहरे पर तेजाब फेक दिया. क्योंकि मैंने उसे शादी के लिए इंकार कर दिया था. उस के साथ एक लड़की भी थी जिसने मुझे जमीन पर गिराया था. जिस तरह से कोई प्लास्टिक पिघलता है उसी तरह से मेरी चमड़ी पिघल रही थी. मैं सड़क पर चलती हुई गाडियों से टकरा रही थी. मुझे अस्पताल ले जाया गया जहां मैं अपने पिता से लिपट कर रोनी लगी. मेरे गले लगने की वजह से मेरे पिता की शर्ट जल गई थी. मुझे तो पता भी नहीं था मेरे साथ क्या हुआ है. डॉ मेरी आंखें सिल रहे थे जबकि मैं होश में ही थी. मैं दो महीने तक हॉस्पिटल में थी. जब घर आकर मैंने अपना चेहरा देखा तो मुझे लगा की मेरी जिंदगी खत्म हो चुकी है.''
इस हादसे के बाद लक्ष्मी ने हार नहीं मानी और जिंदगी में एक नई शुरुआत करने की ठान ली. लक्ष्मी ने एसिड अटैक पीड़ितों के लिए काम करना शुरू किया. उन्होंने शीरोज नाम के एक कैफे की शुरुआत की. ये कैफे तीन राज्यों में चल रहा है. अपने हैसले की वजह से आज लक्ष्मी दुनिया भर में जानी जाती हैं. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की पत्नी मिशेल ओबामा ने लक्ष्मी से मुलाकात की थी. उन्हें 2014 में International Women of Courage Award मिला था. इसके अलावा वो लंदन फैशन वीक में भी हिस्सा ले चुकी हैं.
लक्ष्मी ने पर्सनल लाइफ में काफी बोल्ड फैसले लिए हैं. 2014 में उन्हें एसिड अटैक के लिए अभियान चला रहे आलोक दीक्षित के साथ प्यार हुआ. इसके बाद दोनों ने शादी करने की बजाय  लिव-इन में रहने का फैसला किया. इन दोनों की एक बच्ची भी है. लेकिन तीन साल पहले दोनों ने अलग होने का फैसला कर लिया.
इन दिनों ऐसी खबरें हैं कि लक्ष्मी अग्रवाल आर्थिक तंगी से जूझ रही हैं लेकिन कोई उनकी मदद के लिए आगे नहीं आ रहा. हाल ही में एक इंटरव्यू में लक्ष्मी ने कहा है कि उनके पास घर का किराया देने के लिए भी पैसे नहीं हैं. उनका कहना है कि लोगों को लगता है कि उन्होंने बहुत सारे अवॉर्ड जीते हैं और शोज में हिस्सा लिया है तो बहुत पैसा होगा लेकिन आजकल उनकी माली हालत बिल्कुल भी ठीक नहीं है.

अब जब उन पर फिल्म का ऐलान हो गया है तो ऐसा संभव है कि बॉलीवुड से उन्हें कुछ मदद मिले.

लक्ष्मी अग्रवाल

लक्ष्मी अग्रवाल (जन्म 1 जून 1990) स्टॉप सेल एसिड और एक टीवी होस्ट के साथ एक भारतीय प्रचारक हैं। वह एक एसिड अटैक सर्वाइवर है और एसिड अटैक पीड़ितों के अधिकारों के लिए बोलती है। 2005 में 15 साल की उम्र में, एक 32 वर्षीय व्यक्ति गुड्डा और उर्फ ​​नईम खान ने उन पर हमला किया था, जिसकी सलाह को उन्होंने ठुकरा दिया था।उनकी कहानी, अन्य लोगों के बीच, हिंदुस्तान टाइम्स द्वारा एसिड अटैक पीड़ितों पर एक श्रृंखला में कही गई थी। उसने एसिड की बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए एक याचिका के लिए 27,000 हस्ताक्षर एकत्र करने और भारतीय सर्वोच्च न्यायालय में इसका कारण लेने के लिए एसिड हमलों के खिलाफ भी वकालत की है। उनकी याचिका ने उच्चतम न्यायालय को केंद्र और राज्य सरकारों को एसिड की बिक्री को विनियमित करने का आदेश दिया, और संसद ने एसिड हमलों के अभियोग को आगे बढ़ाने के लिए आसान बना दिया
वह स्टॉप सेल एसिड की संस्थापक है, जो एसिड हिंसा और एसिड की बिक्री के खिलाफ एक अभियान है। लक्ष्मी ने #StopSaleAcid के साथ इस अभियान की शुरुआत की जिसने राष्ट्रव्यापी व्यापक समर्थन हासिल किया। महिला और बाल विकास मंत्रालय, पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय और उनके अभियान स्टॉप सेल एसिड के लिए यूनिसेफ से अंतर्राष्ट्रीय महिला सशक्तिकरण पुरस्कार 2019 मिला। वह छन्न फाउंडेशन की पूर्व निदेशक भी हैं, जो भारत में एसिड हमलों से बचे लोगों की मदद के लिए समर्पित एक गैर सरकारी संगठन है। लक्ष्मी को यूएस फर्स्ट लेडी मिशेल ओबामा द्वारा 2014 का अंतर्राष्ट्रीय महिला सम्मान पुरस्कार मिला। उन्हें एनडीटीवी इंडियन ऑफ़ द ईयर के रूप में भी चुना गया था।
लक्ष्मी का जन्म नई दिल्ली में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। जब वह 15 साल की थी तब लक्ष्मी पर एसिड अटैक हुआ था।


सोमवार, 13 जनवरी 2020

26 जनवरी पर शायरी

लहराएगा तिरंगा अब सारे आस्मां पर
भारत का नाम होगा सब की जुबान पर
ले लेंगे उसकी जान या खेलेंगे अपनी जान पर
कोई जो उठाएगा आँख हमारे हिन्दुस्तान पर

आज शहीदों ने है तुमको, अहले वतन ललकारा,
तोड़ो गुलामी की जंजीरें, बरसाओ अंगारा,
हिन्दू-मुस्लिम-सिख हमारा, भाई-भाई प्यारा,
यह है आजादी का झंडा, इसे सलाम हमारा
Indian Republic day की शुभकामनाये||
इंडियन होने पर करिये गर्व,
मिलकर मनाएं लोकतंत्र का पर्व,
देश के दुश्मनों को मिलकर हराओ,
हर घर पर तिरंगा लहराओ||
गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं
आओ झुककर सलाम करें उन्हें जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है|,
खुशनसीब होता है वो खून जो देश के काम आता है।
जय हिन्द जय भारत। गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं ||
26 जनवरी पर शायरी
ऐ मेरे वतन के लोगों तुम खूब लगा लो नारा
ये शुभ दिन है हम सब का लहरा लो तिरंगा प्यारा
पर मत भूलो सीमा पर वीरों ने है प्राण गँवाए
कुछ याद उन्हें भी कर लो जो लौट के घर न आये
वतन हमारा ऐसा कोई न छोड़ पाये,
रिश्ता हमारा ऐसा कोई न तोड़ पाये,
दिल एक है एक है जान हमारी,
हिंदुस्तान हमारा है हम इसकी शान है
इतनी सी बात हवाओं को बताये रखना,
रौशनी होगी चिरागों को जलाये रखना,
लहू देकर की है जिसकी हिफाजत हमने,
ऐसे तिरंगे को सदा अपने दिल में बसाये रखना||
|| गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें ||
बता दो आज इन हवाओं को
जला कर रखो इन चिरागों को
लहू देकर जो ली आजादी
टूटने ना देना ऐसे प्रेम के धागों को
जमाने भर में मिलते हैं आशिक कई,
मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नही होता,
नोटों में लिपट कर सोने में सिमटकर मरे हैं कई,
मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफ़न नही होता||
वो शमा जो काम आये अंजुमन के लिए,
वो जज्बा जो कुर्बान हो जाये वतन के लिए,
रखते है हम वो हौसले भी जो मर मिटे हिंदुस्तान के लिए||
|| हैप्पी रिपब्लिक डे ||
यूनान – ओ – मिस्र – ओ – रोमा सब मिट गए जहाँ से
अब तक मगर है बाकी नामों निशाँ हमारा ,
कुछ तो बात है की हस्ती मिटती नही हमारी ,
सदियों रहा है दुश्मन दौर ऐ जमां हमारा….
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं||
ना जियो धर्म के नाम पर,
ना मरो धर्म के नाम पर,
इंसानियत ही है धर्म वतन का बस
जियों वतन के नाम पर
मैं इसका हनुमान हूँ ,
ये देश मेरा राम है ,
छाती चीर के देख लो,
अन्दर बैठा हिन्दुस्तान है||
आज़ादी की कभी शाम नहीं होने देंगे,
शहीदों की कुर्बानी बदनाम नहीं होने देंगे,
बची हो जो एक बूँद गरम लहू की,
तब तक भारत माता का आँचल नीलाम नहीं होने देंगे||
ये नफरत बुरी है, ना पालो इसे,
दिलो मैं कालिस है, निकालो इसे,
ना तेरा, ना मेरा, ना इसका, ना उसका,
ये सब का वतन है, बचालो इसे।
जय हिन्द, जय भारत।
देश भक्तो के बलिदान से,
स्वतंत्र हुए है हम..
कोई पूछे कौन हो,
तो गर्व से कहेंगे .
भारतीय है हम…
हैप्पी गणतंत्र दिवस||
बलिदानों का सपना सच हुआ
देश तभी आजाद हुआ
आज सलाम करें उन वीरों को
जिनकी शहादत से ये गणतन्त्र हुआ
अलग है भाषा धर्म जाट
और प्रान्त, भेष, परिवेश…
पर हम सब का एक है गौरव
राष्ट्रध्वज तिरंगा श्रेष्ठा
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएं ||
आज सलाम है उन वीरो को
जिनके कारण ये दिन आता है|
वो माँ खुशनसीब होती है,
बलिदान जिनके बच्चों का देश के काम आता है..
Happy Republic Day ….||
वो फिर आया है नये सवेरे के साथ,
मिल ज़ुल कर रहेंगे हम एक दूजे के साथ,
वो तिरंगा कितना प्यारा है,
वो है देखो सबसे प्यारा न्यारा,
आने ना देंगे उस पे आंच,
Happy Republic Day…||
तीन रंग का है तिरंगा
ये ही मेरी पहचान है
शान देश की, आन देश की
हम तो इसकी ही सन्तान हैं
वह शमा जो काम आये अंजुमन के लिए,
वह जज़्बा जो क़ुर्बान हो जाये वतन के लिए,
रखते है हम वह हौसलें भी,
जो मर मिटे हिंदुस्तान के लिए…
ज़माने भर में मिलते है आशिक़ कई,
मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता,
नोटों में लिपट कर, सोने में सिमट कर मरे है कई,
मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफ़न नहीं होता.
दाग गुलामी का धोया है जान लुटा कर,
दीप जलाये है कितने दीप बुझा कर,
मिली है जब ये आज़ादी तो फिर से इस आज़ादी को,
रखना होगा हर दुश्मन से आज बचाकर.
कुछ नशा तिरंगे की आन है,
कुछ नशा मातृभूमि की शान का है,
हम लहराएँगे हर जगह ये तिरंगा,
नशा ये हिंदुस्तान की शान का है
क्यों मरते हो यारो सनम के लिए,
ना देगी दुप्पटा कफ़न के लिए,
मरना है तो मारो वतन के लिए,
तिरंगा तो मिलेगा कफ़न के लिए,
|| जय हिंदी हैप्पी रिपब्लिक डे |
नहीं सिर्फ जश्न मनाना, नहीं सिर्फ झंडे लहराना,
ये काफी नहीं है वतन पर, यादों को नहीं भुलाना,
जो कुर्बान हुए उनके लफ़्ज़ों को आगे बढ़ाना,
खुदा के लिए नही ज़िन्दगी वतन के लिए लुटाना,
हम लाएं है तूफ़ान से कश्ती निकाल के,
इस देश को रखना मेरे बच्चों संभाल के
भारत के गणतंत्र का, सारे जग में मान,
दशकों से खिल रही, उसकी अद्भुत शान,
सब धर्मो को देकर मान रचा गया इतिहास का,
इसलिए हर देशवासी को इसमें है विश्वास
मन में सारी बातें छिपाये रखना,
अगर कुछ तुम्हे अच्छा ना लगे तो मन में दबाये रखना,
क्योंकि हम भारत के वासी है,
वक़्त पर हम दिखा देंगे ज़माने को,
की देश हम जैसे जवान को है बचाये रखना…
चलो फिर से खुद को जगाते है,
अनुशासन का डंडा फिर घुमाते है,
सुनहरा रंग है गणतंत्र का शहीदों के लहू से,
ऐसे शहीदों को हम सब सर झुकाते है||
तैरना है तो समंदर में तैरो,
नदी और नैहरो में क्या रखा है,
प्यार में मरना है तो वतन पे मरो,
वतन पे मरोगे तो नाम होगा,
किसी और के प्यार में मरोगे तो नाम बदनाम होगा||
इस दिन के लिए वीरो ने अपना खून बहाया है,
झूम उठो देशवासियों गणतंत्र दिवस फिर आया है||
वो तिरंगे वाली डीपी हो तो लगा लो जरा…भाई जी
सुना है कल देशभक्ति दिखाने वाली तारीख है….!!
याद रखेंगे वीरो तुमको हरदम, यह बलिदान तुम्हारा है,
हमको तो है जान से प्यारा यह गणतंत्र हमारा है
फना होने की इज़ाजत ली नहीं जाती,
ये वतन की मोहब्बत है जनाब पूछ के नहीं जाती..!!
ना पूछो ज़माने से कि क्या हमारी कहानी है
हमारी पहचान तो बस इतनी है कि हम सब हिन्दुस्तानी हैं
कुछ कर गुजरने की गर तमन्ना उठती हो दिल में,
भारत माँ का नाम सजाओ दुनिया की महफिल में

71वां गणतंत्र दिवस 2020

26 जनवरी 1950 को 10.18 मिनट पर भारत का संविधान लागू किया गया था।

नेशनल डेस्क। 26 जनवरी 2020 को भारत अपना 71वां गणतंत्र दिवस मनाएगा। इसी दिन संविधान सभा की ओर से 26 नंवबर 1949 को पारित हुआ भारत का संविधान लागू हुआ था। भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है, जिसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था। इस मौके बताते हैं आपको 26 जनवरी से जु़ड़े कुछ फेक्टस

26 जनवरी से जु़ड़े कुछ फेक्टस (Facts about 26th January)
1- 26 जनवरी 1950 को 10.18 मिनट पर भारत का संविधान लागू किया गया था।
2- बाबासाहेब डॉ. भीम राव अंबेडकर को भारत का संविधान निर्माता कहा जाता है। वे ही संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष थे
3- गणतंत्र दिवस की पहली परेड 1955 को दिल्ली के राजपथ पर हुई थी।
4- भारतीय संविधान की दो प्रत्तियां जो हिन्दी और अंग्रेजी में हाथ से लिखी गई।
5 भारतीय संविधान में वर्तमान समय में 465 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां और 22 भागों में विभाजित है।
6 संविधान का फाइनल ड्राफ्ट तैयार करने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगे थे।
7- संविधान के प्रारूप पर कुल 114 दिन बहस हुई।
8- इसमें अब 465 अनुच्छेद, तथा 12 अनुसूचियां हैं और ये 22 भागों में विभाजित है।
9- भारतीय संविधान की हाथ से लिखी मूल प्रतियां संसद भवन के पुस्तकालय में सुरक्षित रखी हुई हैं।
10- पूर्ण स्वराज दिवस (26 जनवरी 1930) को ध्यान में रखते हुए भारतीय संविधान 26 जनवरी को लागू किया गया था।
11 - जिस दिन संविधान बनकर तैयार हुआ उसे संविधान दिवस जो 26 नवंबर के तौर पर मनाया जाता है।
12 गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति तिरंगा फहराते हैं और 21 तोपों की सलामी दी जाती है।