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शुक्रवार, 20 मार्च 2020

कोरोना वायरस से पीड़ित होने के ये हैं लक्षण और बचाव

स्वास्थ्य और विज्ञान
कोरोना वायरस के बारे में जानकारी

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत, ब्रिटेन और अमरीका समेत कोरोना वायरस कोविड 19 अब दुनिया के 123 देशों में फैल गया है और इसके कारण पाँच हज़ार से अधिक मौतें हो चुकी हैं.
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया भर में इसके संक्रमण के 136,895 मामलों की पुष्टि हो चुकी है.
  • कोरोना वायरस कोविड 19 क्या है और यह कैसे फैलता है? इससे बचने के लिए आप नियमित रूप से और अपने हाथ साबुन और पानी से अच्छे से धोएं.
  • जब कोरोना वायरस से संक्रमित कोई व्यक्ति खांसता या छींकता है तो उसके थूक के बेहद बारीक कण हवा में फैलते हैं. इन कणों में कोरोना वायरस के विषाणु होते हैं.
  • संक्रमित व्यक्ति के नज़दीक जाने पर ये विषाणुयुक्त कण सांस के रास्ते आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं.
  • अगर आप किसी ऐसी जगह को छूते हैं, जहां ये कण गिरे हैं और फिर उसके बाद उसी हाथ से अपनी आंख, नाक या मुंह को छूते हैं तो ये कण आपके शरीर में पहुंचते हैं.
  • ऐसे में खांसते और छींकते वक्त टिश्यू का इस्तेमाल करना, बिना हाथ धोए अपने चेहरे को न छूना और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचना इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं.
  • चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार फेस मास्क इससे प्रभावी सुरक्षा प्रदान नहीं करते.
                           कोरोना वायरस के बारे में जानकारी
  • कोरोनो वायरस संक्रमण के लक्षण क्या हैं?
  • इंसान के शरीर में पहुंचने के बाद कोरोना वायरस उसके फेफड़ों में संक्रमण करता है. इस कारण सबसे पहले बुख़ार, उसके बाद सूखी खांसी आती है. बाद में सांस लेने में समस्या हो सकती है.
  • वायरस के संक्रमण के लक्षण दिखना शुरू होने में औसतन पाँच दिन लगते हैं. हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि कुछ लोगों में इसके लक्षण बहुत बाद में भी देखने को मिल सकते हैं.
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार वायरस के शरीर में पहुंचने और लक्षण दिखने के बीच 14 दिनों तक का समय हो सकता है. हालांकि कुछ शोधकर्ता मानते हैं कि ये समय 24 दिनों तक का भी हो सकता है.
  • कोरोना वायरस उन लोगों के शरीर से अधिक फैलता है जिनमें इसके संक्रमण के लक्षण दिखाई देते हैं. लेकिन कई जानकार मानते हैं कि व्यक्ति को बीमार करने से पहले भी ये वायरस फैल सकता है.
  • बीमारी के शुरुआती लक्षण सर्दी और फ्लू जैसे ही होते हैं जिससे कोई आसानी से भ्रमित हो सकता है.
कोरोना वायरस
कितना घातक है कोरोना वायरस?
कोरोना वायरस के संक्रमण के आँकड़ों की तुलना में मरने वालों की संख्या को देखा जाए तो ये बेहद कम हैं. हालांकि इन आंकड़ों पर पूरी तरह भरोसा नहीं किया जा सकता, लेकिन आंकड़ों की मानें तो संक्रमण होने पर मृत्यु की दर केवल एक से दो फ़ीसदी हो सकती है.
फ़िलहाल कई देशों में इससे संक्रमित हज़ारों लोगों का इलाज चल रहा है और मरने वालों का आँकड़ा बढ़ भी सकता है.
56,000 संक्रमित लोगों के बारे में एकत्र की गई जानकारी आधारित विश्व स्वास्थ्य संगठन का एक अध्ययन बताता है कि -
6 फ़ीसदी लोग इस वायरस के कारण गंभीर रूप से बीमार हुए. इनमें फेफड़े फेल होना, सेप्टिक शॉक, ऑर्गन फेल होना और मौत का जोखिम था.
14 फ़ीसदी लोगों में संक्रमण के गंभीर लक्षण देखे गए. इनमें सांस लेने में दिक्क़त और जल्दी-जल्दी सांस लेने जैसी समस्या हुई.
80 फ़ीसदी लोगों में संक्रमण के मामूली लक्षण देखे गए, जैसे बुखार और खांसी. कइयों में इसके कारण निमोनिया भी देखा गया.



कोरोना वायरस के बारे में जानकारी
कोरोना वायरस संक्रमण के कारण बूढ़ों और पहले से ही सांस की बीमारी (अस्थमा) से परेशान लोगों, मधुमेह और हृदय रोग जैसी परेशानियों का सामना करने वालों के गंभीर रूप से बीमार होने की आशंका अधिक होती है.कोरोना वायरस का इलाज इस बात पर आधारित होता है कि मरीज़ के शरीर को सांस लेने में मदद की जाए और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जाए ताकि व्यक्ति का शरीर ख़ुद वायरस से लड़ने में सक्षम हो जाए.कोरोना वायरस का टीका बनाने का काम अभी चल रहा है.
कोरोना वायरस के बारे में जानकारी
अगर आप किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं तो आपको कुछ दिनों के लिए ख़ुद को दूसरों से दूर रहने की सलाह दी जा सकती है.पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने कहा है कि जिन्हें लगता है कि वो संक्रमित हैं वो डॉक्टर, फार्मेसी या अस्पताल जाने से बचें और अपने इलाक़े में मौजूद स्वास्थ्य कर्मी से फ़ोन पर या ऑनलाइन जानकारी लें.जो लोग दूसरे देशों की यात्रा कर के यूके लौटे हैं उन्हें सलाह दी गई है कि वो कुछ दिनों के लिए ख़ुद को दूसरों से अलग कर लें.दूसरे देशों ने भी इस वायरस से बचने के लिए अपने अपने देशों में स्कूल कॉलेज बंद करने और सर्वजनिक सभाएं रद्द करने जैसे क़दम उठाएं हैं.विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी लोगों के लिए एहतियात बरतने के तरीक़ों के बारे में जानकारी जारी की है.संक्रमण के लक्षण दिखने पर व्यक्ति को अपने स्थानीय स्वास्थ्य सेवा अधिकारी या कर्मचारी से संपर्क करना चाहिए. जो लोग बीते दिनों कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हैं उनकी जांच की जाएगी.अस्पताल पहुंचने वाले सभी मरीज़ जिनमें फ्लू (सर्दी ज़ुकाम और सांस लेने में तकलीफ) के लक्षण हैं, स्वास्थ्य सेवा अधिकारी उनका परीक्षण करेंगे.परीक्षण के नतीजे आने तक आपको इंतज़ार करने और दूसरों से खुद को दूर रखने के लिए कहा जाएगा.कितनी तेज़ी से फैल रहा है कोरोना वायरस?रोज़ दुनिया भर में कोरोना वायरस के सैंकड़ों मामले सामने आ रहे हैं. लेकिन ये भी माना जा रहा है कि अब भी कई मामले स्वास्थ्य एजेंसियों की नज़र से बच गए होंगे.विश्व स्वास्थ्य संगठन के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार दुनिया के 123 देशों में अब तक कोरोनावायरस के संक्रमण के 1,36,895 मामलों की पुष्टि हो चुकी है. इसके कारण अब तक पांच हज़ार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.इस वायरस के संक्रमण के सबसे अधिक मामले चीन, इटली, ईरान और कोरिया में सामने आए हैं.कोरोना वायरस से जुड़े हेल्पलाइन नंबर






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बुधवार, 12 फ़रवरी 2020

यूपीएससी, आईएएस परीक्षा पाठ्यक्रम

                                

यूपीएससी, आईएएस परीक्षा पाठ्यक्रम UPSC IAS, Civil Services Exam Syllabus in Hindi

प्रश्नपत्र- I (200 अंक) अवधि: दो घंटे:

  • राष्ट्रीय और अंतर्रराष्ट्रीय महत्व की सामयिक घटनाएं.
  • भारत का इतिहास और भारतीय रराष्ट्रीय आन्दोलन.
  • भारत एवं विश्व भूगोल - भारत एवं विश्व का प्राकृतिक, सामाजिक, आर्थिक भूगोल
  • भारतीय राज्यतन्त्र और शासन - संविधान, राजनैतिक प्रणाली, पंचायती राज, लोक नीति, अधिकारों संबंधी मुद्दे, आदि।
  • आर्थिक और सामाजिक विकास - सतत वकास, गरीबी, समावेशन, जनसांख्यिकी, सामाजिक क्षेत्र में की गई पहल आदि।
  • पर्यावरणीय पारिस्थितिकी जैव-विविधता और मौसम परिवर्तन संबंधी सामान्य मुद्दे, जिनके लिए विषयगत विशेषज्ञता आवश्यक नहीं है।
  • सामान्य विज्ञान
यूपीएससी, आईएएस परीक्षा पाठ्यक्रम UPSC IAS, Civil Services Exam Syllabus in Hindi

प्रश्नपत्र- II (200 अंक) अवधि: दो घंटे:

  • बोधगम्यता
  • संचार कौशल सहित अंतर - वैयक्तिक कौशल
  • तार्किक कौशल एवं विश्लेषणात्मक क्षमता
  • निर्णय लेना और समस्या समाधान
  • सामान्य मानसिक योग्यता
  • आधारभूत संख्यनन (संख्याएं और उनके संबंध, विस्तार क्रम आदि) (दसवीं कक्षा का स्तर), आंकड़ों का निर्वचन (चार्ट, ग्राफ, तालिका, आंकड़ों की पर्याप्तता आदि - दसवीं कक्षा का स्तर)
  • अंग्रेजी भाषा में बोधगम्यता कौशल (दसवीं कक्षा का स्तर)
टिप्पणी 1 दसवीं कक्षा स्तर के अंग्रेजी भाषा में बोधगम्यता कौशल (प्रश्नपत्र-II के पाठ्यक्रम में अंतिम मद) से संबद्व प्रश्नों का परीक्षण, प्रश्नपत्र में केवल अंग्रेजी भाषा के उद्वरणों के माध्यम से, हिंदी अनुवाद उपलब्ध कराए बिना किया जाएगा।
टिप्पणी 2 प्रश्न बहुविकल्पीय, वस्तुनिष्ठ प्रकार के होंगे।
टिप्पणी 3 मूल्यांकन के प्रयोजन से उम्मीदवार के लिए यह अनिवार्य है कि वह सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा के दोनों पेपरों में सम्मिलित हो. यदि कोई उम्मीदवार सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा के दोनों पेपरों में सम्मिलित नहीं होता है तब उसे अयोग्य ठहराया जाएगा.
यूपीएससी, आईएएस परीक्षा पाठ्यक्रम UPSC IAS, Civil Services Exam Syllabus in Hindi

शुक्रवार, 7 फ़रवरी 2020

लेक नेट्रान (Lake Natron)

लेक नेट्रान (Lake Natron) : एक झील जिसमे जो गया वो बन गया पत्थर
आपने राजा मिडास की  कहानी तो जरुर सुनी होगी जो जिस चीज़ को भी छुता है वो सोने की बन जाती है लेकिन क्या आपने ऐसी झील के बारे में सुना है जिसके पानी को जो भी छुता है वो पत्थर बन जाता है? आज हम आपको एक ऐसी ही झील के बारे में बता रहे है यह है यह है उत्तरी तंजानिया की नेट्रान  लेक
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फोटोग्राफर निक ब्रांड्ट जब उत्तरी तंजानिया की नेट्रान लेक की तटरेखा पर पहुंचे तो वहां के दृश्य ने उन्हें चौंका दिया। झील के किनारे जगह-जगह पशु-पक्षियों के स्टैच्यू नजर आए। वे स्टैच्यू असली मृत पक्षियों के थे। दरअसल झील के पानी में जाने वाले जानवर और पशु-पक्षी कुछ ही देर में कैल्सिफाइड होकर पत्थर बन जाते हैं।
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Brandt अपनी नई फोटो बुक ‘Across the Ravaged Land’ में लिखते है की “कोई भी निश्चित रूप से नहीं जानता है की ये कैसे मरे पर लगता है की लेक की अत्यधिक रिफ्लेक्टिव नेचर ने उन्हें दिग्भ्रमित किया फलस्वरूप वे सब पानी में गिर गए। ” वो आगे लिखते है की ” पानी में नमक और सोडा की मात्रा  बहुत ही जयादा है, इतनी जयादा की इसने मेरी कोडक फिल्म बॉक्स की स्याही को कुछ ही सेकंड में जमा दिया। पानी में सोडा और नमक की ज्यादा  मात्रा इन पक्षियों के मृत शरीर को सुरक्षित रखती है।”
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इन पक्षियों के फोटो का संकलन ब्रांड्ट ने अपनी नई किताब ‘Across the Ravaged Land’ में किया है। यह किताब उस फोटोग्राफी डाक्यूमेंट का तीसरा वॉल्यूम है, जिसे निक ने पूर्वी अफ्रीका में जानवरों के गायब होने पर लिखा है।
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पानी में अल्कलाइन का स्तर पीएच9 से पीएच 10.5 है, यानी अमोनिया जितना अल्कलाइन। लेक का तापमान भी 60 डिग्री तक पहुंच जाता है। पानी में वह तत्व भी पाया गया जो ज्वालामुखी की राख में होता है। इस तत्व का प्रयोग मिस्रवासी ममियों को सुरक्षित करने के लिए रखते थे।
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वो अपनी किताब में आगे लिखते है ” सारे  प्राणी calcification के कारण चट्टान की तरह मजबूत हो चुके थे इसलिए बेहतर फोटो लेने के लिए हम उनमे किसी भी तरह का बदलाव नहीं कर सकते थे इसलिए फोटो लेने  के लिए हमने उन्हें वैसी ही अवस्था में पेड़ो और चट्टानों पर रख दिया।”

बुधवार, 29 जनवरी 2020

LT grade syllabus


Phd entrance syllibus in biology

Ph.D. in Biology: Syllabus

Microbial Ecology
Ecology of organisms. It focuses on Eukaryota, Archaea, and Bacteria, their relationship with one another and their environment.
Aquatic Mycology
Describes the ecological roles, involvement in global cycling processes and related factors of aquatic organisms like fungi.
Organic Farming
Learning organic farming as an agriculture practice without using pesticides and common fertilizers.
Genotoxicology and Environmental Mutagenesis
Understanding of chemical agents that damage the genetic information in cells leading to mutations.
Cytogenetics
Concerned with the chromosomes and their relation to cell behavior focusing on mitosis and meiosis.
Endocrinology and Animal Physiology
Focuses on the physiological and neuroendocrine systems of animals and the detailed molecular and cellular mechanics.
Plant Pathology and Sericulture
Study of diseases in plants and the cultivation of silkworm to produce silk.
Cancer Biology
Study of genetic and molecular changes cells undergo while converting to malignant cancer cells.

शुक्रवार, 17 जनवरी 2020

गिरिजा टिकू, कश्मीरी महिला

25 जून, 1990: कश्मीरी महिला की निर्मम हत्या गिरिजा टिकू, एक ऐसी कहानी जो हमारी स्मृति से मिटा दी गई

1990 में उग्रवाद जिसके कारण घाटी से कश्मीरी पंडित पलायन हुआ, अपने ही देश में शरणार्थियों की तरह रहने वाली असहाय आत्माओं के मन में अभी भी ताजा है। घाटी से हिंदुओं की जातीय सफाई कब्र के बाद एक अत्याचारपूर्ण मामला था। गिरिजा टिकू, एक कश्मीरी पंडित, घाटी छोड़ दिया था और जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट द्वारा "आज़ादी आंदोलन" के मद्देनजर जम्मू में बस गए थे। गिरिजा ने घाटी से भागने से पहले गवर्नमेंट हाई स्कूल, तिरेगाम में एक प्रयोगशाला सहायक के रूप में काम किया।ठीक एक दिन, उसे किसी ऐसे व्यक्ति का फोन आया जिसने उसे बताया कि घाटी में शत्रुतापूर्ण हरकत की वजह से वह भाग गया था और वह बांदीपोरा आ सकता है और अपना वेतन जमा कर सकता है। उसे विश्वास दिलाया गया था कि वह घर सुरक्षित लौट आएगी और यह क्षेत्र अब हानिरहित है। उसे क्या पता था कि उसकी हरकतों को उसके हत्यारे बहुत करीब से देखते थे। उसे उसके मुस्लिम सहकर्मी के घर से अगवा कर लिया गया और किसी अज्ञात स्थान पर ले जाया गया। जब वह अपहरण किया जा रहा था, तो लोग चुपचाप देखते थे, वे मानते थे कि वह एक काफिर है और वह इसका हकदार है। गिरिजा कभी घर नहीं लौटी। उसका शव सड़क के किनारे मिला था और पोस्टमॉर्टम से पता चला कि उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था, और दो आरी में काटकर एक यांत्रिक आरी का उपयोग किया गया था, जबकि वह अभी भी जीवित थी। यह भी कहा जाता है कि यह एक बढ़ई ने देखा था। राजनीतिज्ञ सलमान खुर्शीद की "द बियॉन्ड टेररिज्म- ए न्यू होप फॉर कश्मीर" नामक पुस्तक में मानव अधिकार कार्यकर्ताओं और सरकार ने इस हत्या का जवाब नहीं दिया है। राजनीतिक आदेश स्थापित करने के नाम पर इस बर्बर हत्या को कभी भी उचित नहीं ठहराया जा सकता।